राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज सिंह काका ने ट्विट कर प्रधानमंत्री डीजीपी कों दी जानकारी
शक्तिनगर-सोनभद्र,एनसीएल परियोजनाओं में कार्य कर रही ओवरबडंन कंपनीयों में कोटा का सिलसिला लगातार चर्चाओं में बना रहता है,जो की नेता से लेकर शासन प्रशासन तक को कोटा के नाम पर नौकरी बाटी जाती है, और यहां के स्थानीय विस्थापित प्रभावितों को रोजगार से वंचित किया जाता है। तथाकथित दलालों के माध्यम से 2 लाख से ढाई लाख रुपए तक में नौकरी बेची जाती है।
ताजा मामला एनसीएल खड़िया परियोजना में कार्य कर रही,एसए यादव कंपनी में सोशल मीडिया पर एक लिस्ट तेजी से वायरल हो रहा है,जिसमें स्थानीय पुलिस प्रशासन से लेकर ट्रेड यूनियन नेता,एनसीएल के आला अधिकारी, ग्राम प्रधान से लेकर राजनैतिक पार्टी के नेताओं का लिस्ट में नाम शामिल है ,सूत्रों की माने तो जिसमें प्रधान प्रतिनिधि जमशिला जो की कंपनी का लाइजनिंग का काम कर रहा है उसने 61 लोगों।
थानाध्यक्ष शक्तिनगर 17 लोगों कों रखने के साथ सफेद पोशाक में कई तथाकथित नेताओं का भी लिस्ट में नाम उजागर हुआ है।
अगर पुलिस अधीक्षक द्वारा इसकी गंभीरता से जांच कराई जाए तो पुलिस अधिकारियों से लेकर कई लोगों के नाम बेनकाब हो सकते हैं।