New Delhi : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने के मुद्दे पर देशभर के विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित सभी याचिकाओं को एक साथ जोड़ते हुए उन्हें अपने पास स्थानांतरित कर लिया। मामले में शीर्ष अदालत 13 मार्च से सुनवाई कर सकती है।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने केंद्र सरकार से 15 फरवरी तक इस मुद्दे पर सभी याचिकाओं पर अपना संयुक्त जवाब दाखिल करने को कहा है।
साथ ही निर्देश दिया कि मार्च में सभी याचिकाओं को सूचीबद्ध किया जाए। पीठ ने कहा कि कोई भी याचिकाकर्ता अगर अदालत के समक्ष बहस करने को उपलब्ध नहीं है तो वह डिजिटल मंच की सुविधा का लाभ उठा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और याचिकाकर्ताओं के वकीलों से इस मुद्दे, संबंधित कानूनों और पूर्व मिसाल, यदि कोई हो तो, उस पर एक लिखित नोट दाखिल करने और इसे आपस में व अदालत के साथ साझा करने को कहा।
पीठ ने केंद्र के वकील से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कोई भी याचिकाकर्ता छूट न जाए और सभी याचिकाओं का विवरण तैयार कर संकलन में शामिल किया जाए।
शीर्ष अदालत ने तीन जनवरी को कहा था कि वह समलैंगिक विवाहों को मान्यता देने के लिए उच्च न्यायालयों में लंबित याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की याचिका पर छह जनवरी को सुनवाई करेगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 14 दिसंबर को केंद्र से दो याचिकाओं पर जवाब मांगा था