Lucknow News: आयुष कॉलेजों में दाखिले में हुई हेराफेरी के मामले में एसटीएफ ने रिमांड पर लिए अभियुक्तों से बृहस्पतिवार को पूछताछ की। अभियुक्तों ने बताया कि इस खेल में नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारी शामिल थे। किसी ने पैसे लिए तो किसी ने उपहार लिए। कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने सिर्फ ‘व्यवहार’ निभाया। एसटीएस शुक्रवार को भी आरोपियों से पूछताछ करेगी। रिमांड अवधि 26 नवंबर को सवेरे 11 बजे खत्म होगी।
एसटीएफ ने सोमवार को रिमांड पर लिए गए अभियुक्तों में से मुख्य आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की। इसमें हेराफेरी की कड़ियों को जोड़ने की कोशिश की गई। सूत्रों ने बताया कि आरोपियों ने बताया कि है कि सरकारी कॉलेजों में दाखिले के लिए पांच लाख रुपये तय किए गए थे लेकिन कुछ ने इससे कम रकम दिए। पर इसमें ईमानदारी के साथ सबका हिस्सा तय किया गया था।
वहीं, निजी कॉलेजों में दाखिले के लिए दो से ढाई लाख रुपये तक लिए गए। जिस कॉलेज में बिना नीट के दाखिला दिया जाना था, उन कॉलेजों के प्रबंधन को भी पहले से सेट किया गया। बाद में डाटा में हेराफेरी की गई। सूत्रों ने यह भी बताया कि मुख्य किरदार केवल कुलदीप ने ही नहीं निभाया, बल्कि ऊपर के अधिकारी भी उसकी हर जालसाजी में बराबर के हिस्सेदार थे।