बुंदेलखंड की आबादी 10 सालों में 21 फीसदी तक बढ़ गई है। बुंदेलखंड में साल 2011 तक जहां 96 लाख लोग रहते थे। वहीं अब यह संख्या 1.17 करोड़ के पार पहुंच गई है। साल दर साल आबादी बढ़ी तो शहरों का दायरा भी बढ़ता गया। दस साल में झांसी समेत सात शहरों का दायरा भी ढाई गुना तक बढ़ गया है।
बुंदेलखंड में लगातार दस सालों से आबादी में इजाफा हो रहा है।
आबादी बढ़ने के साथ ही कृषि भूमि, आवासीय भूमि, हाईवे और अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी हुई। हालांकि 2011 के बाद देश में जनगणना नहीं हुई है, मगर सांख्यिकी विभाग के अनुमानित आंकड़े बताते हैं कि बुंदेलखंड में 21 फीसदी जनसंख्या में इजाफा हुआ है। अगले नौ साल यानि 2031 तक इसके 1.40 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
उधर, दस साल में महानगर का दायरा भी तेजी से बढ़ा। पहले यह 90 वर्ग किमी था, जो अब बढ़कर 160 वर्ग किमी हो गया। वहीं जहां करीब 62 गांव महानगर की सीमा में आए थे, लेकिन अब 101 गांव महानगर की सीमा में हैं। 10 साल पहले तक झांसी महानगर की सीमा गोरामछिया तक सीमित थी, जो अब बरुआसागर और रक्सा तक पहुंच गई।
वहीं, झांसी जिले में 10 साल में कृषि भूमि और सिंचाई का क्षेत्रफल भी बढ़ गया। कृषि विभाग के अनुसार साल 2011 तक झांसी में 432.4 हेक्टेयर में खेती होती थी। जो 2021 में 501.32 हेक्टेयर में होती है। इसके साथ पहले जहां सिंचाई का क्षेत्रफल 237.2 हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 309.5 हेक्टेयर हो गया।झांसी में भी दस साल में करीब 50 हजार मकान बढ़ गए हैं। झांसी विकास प्राधिकरण द्वारा शहर के लिए बनाई गई महायोजना के ड्राफ्ट के मुताबिक 2011 में झांसी महानगर की सीमा में 1.25 लाख मकान थे। जो 2021 में बढ़कर 1.75 लाख के पार पहुंच गए। आने वाले समय में 2.23 लाख तक हो जाएंगे।