वाराणसी बीएचयू के आयुर्वेद संकाय की निर्माणाधीन इमारत में विगत 3 नवंबर को छात्रों द्वारा किसी महिला की चीखने की आवाज सुनने के बाद प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्यवाही ना किए जाने को लेकर आइसा, बीसीएम, दिशा, एसएफआई से जुड़े छात्रों ने प्रॉक्टोरियल ऑफिस पर प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने गए छात्रों को प्रॉक्टर से मिलने से रोकने के लिए वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने प्रॉक्टर ऑफिस का गेट बंद कर दिया और छात्रों की बात सुनने की बजाय शाम को आने को कहने लगे। यह प्रशासन की असंवेदनशीलता को दर्शाने के लिए पर्याप्त है। घंटों इंतजार करने के बाद चीफ प्रॉक्टर वहां पहुंचे और उन्होंने इस मसले पर पुलिस द्वारा कार्यवाही किए जाने की बात कही।
गौरतलब है कि 3 नवंबर की रात में कुछ छात्रों ने किसी महिला के चीखने की आवाजें सुनी थीं। उन छात्रों ने बताया कि बहुत देर तक यह आवाज आती रही और उन्होंने इसकी सूचना पास में मौजूद गार्ड को दी लेकिन गार्ड ने उल्टे छात्रों को ही वहां से चले जाने को कहा। और घटनास्थल पर जाने की बजाय पीछे के दरवाजे से जाकर वहां की लाइट और गेट बंद कर दिया। बाद में छात्रों की सूचना पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड भी घटनास्थल पर पहुंचा। लेकिन उन्होंने भी इस पर मामले पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। शिकायत करने वाले छात्रों ने यह भी बताया कि गार्ड के साथ नशे में धुत व्यक्ति भी था।
छात्रों ने इस घटना का एक वीडियो भी बनाया है जिसमें चीखने की आवाज सुनाई दे रही है।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने प्रशासन से यह मांग की कि जल्द से जल्द इस मामले की जांच की जाए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए। साथ ही कैंपस में छात्राओं की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए।
प्रदर्शन में आइसा के राजेश, बीसीएम की इप्शिता, दिशा के अमित, एसएफआई के इमरान समेत सोनाली, आदर्श, तनुज, आज़ाद, विश्वजीत, सूरज, गणेश, काजल, विनय, उमेश, सिद्धि, संदीप, सौम्यध्रुव, नैतिक आदि मौजूद रहे।