National Filariasis Day: फाइलेरिया बीमारी के साथ जी रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। इन मरीजों को अब साल में सिर्फ एक बार ही यह दवा खानी होगी। इससे भी अच्छी खबर यह है कि अब एक दिन की दवा के खाने से ही मरीज ठीक हो सकेगा। फाइलेरिया जैसी बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए अब प्रदेश में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मॉडल को अपनाया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम औतार ने बताया कि अभी तक फाइलेरिया संक्रमित मरीज को तीन-तीन महीने के अंतराल पर 12-12 दिन दवा खानी पड़ती थी। इस तरह से एक मरीज को एक साल में कुल 48 दिन दवा खानी पड़ती थी, लेकिन अब प्रत्येक मरीज को साल में एक ही दिन दवा खानी होगी। उन्होंने बताया कि यदि फाइलेरिया का कोई भी मरीज लगातार पांच सालों तक फाइलेरिया से बचाव की दवा खा ले, तो इस बीमारी से बचा जा सकता है।
साथ ही बताया की फाइलेरिया के कारण व बचाव के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए ही प्रत्येक वर्ष 11 नवंबर को राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस मनाया जाता है। जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव ने बताया कि फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स मच्छर काटने से होता है। इस मच्छर के काटने से पुवेरिया नाम के परजीवी शरीर में जाने से ये रोग होता है।
वयस्क मच्छर छोटे-छोटे लार्वा को जन्म देता है, जिन्हें माइक्रो फाइलेरिया कहा जाता है। ये मनुष्य के रक्त में रात के समय एक्टिव होता है। इस कारण स्वास्थ्य टीम रात में ही पीड़ित का ब्लड सैंपल लेती हैं। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से बचाव की दवा खाली पेट नहीं खानी है। दो साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती व गंभीर रूप से बीमार लोगों को यह दवा नहीं खानी।
दवा खाने से जब शरीर में परजीवी मरते हैं, तो कई बार सिरदर्द, बुखार, उलटी, बदन में चकत्ते और खुजली जैसी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती हैं। यह स्वत: ठीक हो जाते हैं। पॉथ संस्था के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. रविराज सिंह चौहान ने बताया की वर्तमान में 648 फाइलेरिया लिम्फोडिमा (हाथीपांव) और 280 हाइड्रोसील के मरीजों का इलाज चल रहा है। 11 नवंबर से सीेएचसी राठ, मौदहा, मुस्करा में कैंप लगाकर आपरेशन हाइड्रोसील के आपरेशन किए जाएंगे।
ऐसे करें बचाव
फाइलेरिया से बचाव के लिए मच्छरों से बचना जरूरी है और मच्छरों से बचाव के लिए घर के आस-पास पानी, कूड़ा और गंदगी जमा न होने दें। घर में भी कूलर, गमलों अथवा अन्य चीजों में पानी न जमा होने दें। सोते समय पूरी बांह के कपड़े पहने और मच्छरदानी का प्रयोग करें। यदि किसी को फाइलेरिया के लक्षण नजर आते हैं, तो वे घबराएं नहीं। स्वास्थ्य विभाग के पास इसका पूरा उपचार उपलब्ध है। विभाग स्तर पर मरीज का पूरा उपचार निशुल्क होता है। इसलिए सीधे सरकारी अस्पताल जाएं।