Accident : राजस्थान के टोंक जिले में रविवार की रात हुए भीषण सड़क हादसे में सोनभद्र के दो छात्रों की मौत हो गई। दोनों छात्र कोटा में रहकर इंजीनियरिंग के प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। मंगलवार को उनका शव घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। होनहार बेटों की मौत पर हर तरफ मातम छाया था। बेटे के शव से लिपट कर बिलखते परिजन नियति को कोस रहे थे।
राबर्ट्सगंज के धर्मशाला चौक निवासी अवधेश विश्वकर्मा का पुत्र अभिषेक (20) और बभनौली गांव निवासी मनोज कुमार का पुत्र श्रेयांश उर्फ ज्ञानेश्वर (20) कोटा में रहकर इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे थे। अपने तीन अन्य साथियों के साथ वह रविवार को कार से हरिद्वार जा रहे थे। कोटा-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-52 पर टोंक बाईपास के पास रविवार की रात करीब एक बजे तेज रफ्तार कार खड़े ट्रक में टकरा गई।
हादसे में अभिषेक, श्रेयांश, उनके दो अन्य दोस्तों समेत पांच लोगों की मौत हो गई। घटना की खबर पाकर सोमवार को दोनों के परिजन टोंक पहुंच गए थे। पंचनामा और पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार की दोपहर बाद शव लेकर घर पहुंचे। परिवार के कई सदस्यों को शव आने से पहले तक घटना के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी। दरवाजे पर बेटे का शव पहुंचते ही कोहराम मच गया। माता-पिता और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
सोनभद्र। मूल रूप से मिर्जापुर जिले के राजगढ़ क्षेत्र के गढ़वा गांव निवासी अवधेश विश्वकर्मा और उनकी पत्नी ज्ञानती देवी सफाईकर्मी हैं। दोनों की तैनाती घोरावल ब्लाक के मराची ग्राम पंचायत में है। उनकी दो संतानों में अभिषेक बड़ा था। डीएवी स्कूल से 12वीं की पढ़ाई के बाद अभिषेक इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोटा चला गया था। पहले प्रयास में उसने 496 और इस वर्ष 551 अंक हासिल किए थे। अपने प्रदर्शन से संतुष्ट न होने पर वह फिर से तैयारी में जुटा था।
पिता अवधेश बताते हैं कि छोटे बेटे सर्वेश का दाखिला भी कोटा की कोचिंग में करा दिए थे, ताकि दोनों भाई साथ रहकर अच्छे से पढ़ाई कर सकेंगे। बेटे को इंजीनियर बनाना सपना था। सोचा था कि बेटा अच्छी रैंकिंग पाकर इंजीनियरिंग में दाखिला लेकर कोटा से लौटेगा, मगर ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। पत्नी ज्ञानती देवी अपने बेटे के शव को सीने से लगाकर बिलख रही थीं। उनकी चीख-पुकार और करुण क्रंदन हर किसी को झकझोर रहा था। सफाई कर्मचारी संघ के पदाधिकारी व आसपास के लोग उन्हें संभालने में जुटे थे।
इकलौते बेटे की मौत से बेसुध हुआ परिवार
सोनभद्र। टोंक में हुए हादसे में जान गंवाने वाला श्रेयांश उर्फ ज्ञानेश्वर माता-पिता की इकलौती संतान था। उसके पिता मनोज कुमार अधिवक्ता हैं, जबकि मां महिमा सदर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय कुसी में तैनात हैं। इकलौते बेटे की मौत ने परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया है। माता-पिता पूरी तरह बेसुध थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें।
सामाजिक छवि वाले मनोज कुमार के बेटे के आकस्मिक निधन की खबर सुनकर बड़ी संख्या में लोग दरवाजे पर पहुंचे थे। उन्हें ढांढस बंधाने वाले भी खुद को असहज महसूस कर रहे थे। परिजन बार-बार यही कहते हुए गुहार लगा रहे थे कि भगवान उनसे क्या गलती हुई, जो इतनी बड़ी सजा उन्हें मिली।