Ayodhya News : अयोध्या में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की जमीन खरीद के लिए किसानों से सहमति नहीं बन पाई है। जिला प्रशासन ने ऐसी लगभग 25 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए दो दिन पहले शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। शासन से अनुमति मिलने के बाद एयरपोर्ट के लिए इस जमीन के अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू होगी। एयरपोर्ट का निर्माण एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को करना है।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए कुल लगभग 821 एकड़ जमीन की जरूरत है। इसमें से एयर स्ट्रिप की लगभग 213 एकड़ जमीन पहले से मौजूद है। 108 एकड़ जमीन ग्राम समाज या दूसरी तरह की जमीन है। जो प्रदेश सरकार को देनी है। लगभग पांच सौ एकड़ जमीन निजी काश्तकारों से ली जानी थी। इसमें से अब तक करीब 475 एकड़ जमीन मिल गई है। शेष करीब 25 एकड़ जमीन के लिए प्रशासन तमाम कवायद के बाद भी किसानों को नहीं तैयार कर पाया।
किसानों से जमीन सहमति के आधार पर लेनी की कार्रवाई अब से लगभग दो साल पहले शुरू की गई थी। हालांकि तब एयरपोर्ट के लिए कुछ कम जमीन की जरूरत थी। बाद में जब इसका स्वरूप अंतर्राष्ट्रीय किया गया तो ज्यादा जमीन की जरूरत पड़ी।
तहसीलदार सदर आरके पांडेय ने बताया कि इनके अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव जिलाधिकारी की ओर से भेजा गया है। एयरपोर्ट के लिए जमीन न देने के कई कारण बताए गए हैं। कुछ किसानों ने जमीन का मूल्य कम होने के कारण देने से इनकार कर दिया। कुछ पर विवाद की स्थिति है। वहीं जनौरी की करीब 7-8 एकड़ जमीन ऐसी बताई गई है जिसके मालिकान मॉरीशस सहित दूसरे देशों में रहते हैं। एयरपोर्ट का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। एयर स्ट्रिप और टर्मिनल का निर्माण नए साल तक पूरा कराए जाने का लक्ष्य है।
कोशिश है कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर में राम लला के विराजमान होने तक यहां से उड़ाने शुरू कर दी जाएं। अयोध्या का अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट मंदिरों की नगरी के अनुरूप होगा। इसका डिजाइन भी मंदिर के आकार का बनाया गया है। इसी के आधार पर निर्माण करने की बात कही जा रही है। इसके साथ ही एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए फोरलेन सड़क अयोध्या-प्रयागराज मार्ग से बनाई जाएगी।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट
- कुल जमीन की जरूरत 821 एकड़
- पहले से मौजूद एयर स्ट्रिप की जमीन 213 एकड़
- ग्राम समाज की या अन्य भूमि(सरकार को देनी है) 108 एकड़
- किसानों से अब तक मिली जमीन 475 एकड़