बिहार की सियायत का असर अब राज्यसभा तक पहुंच गया है। जदयू के एनडीए से अलग होने के बाद लोगों का कहना है कि राज्यसभा के उपसभापति पद से हरिवंश नारायण भी इस्तीफा दे देंगे। इसी बीच जदयू अध्यक्ष ललन सिंह खुद सामने आकर कहा कि हरिवंश नारायण को अपने पद से इस्तीफा देने की कोइ जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, जदयू का एनडीए से अलग होना एक राजनीतिक फैसला है, इसमे डिप्टी स्पीकर पद की बात नही है।दरअसल, ललन सिंह का नाम राज्ससभा के उपसभापति के लिए भाजपा ने ही प्रस्तावित किया था।
इस प्रस्ताव के पक्ष में कई विपक्षी दलों ने भी वोट किया था। हालांकि, बिहार में भाजपा-जदयू गठबंधन टूटने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि हरिवंश नारायण सिंह भी इस्तीफा दे सकते हैं। यह भी कहा जा रहा था कि बीजेपी हरिवंश सिंह के बहाने जदयू को झटका दे सकती है।
हरिवंश सिंह ने अभी तक नहीं की कोई टिप्प्णी
बिहार की राजनीति पर हरिवंश सिंह ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, ललन सिंह ने कहा है कि हरिवंश सिंह ने खुद ही नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने के फैसले को सही बताया है। उन्होंने कहा, राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन का पद सदन से जुड़ा मामला है। उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है।
अभी कल ही हुआ था कैबिनेट विस्तार
एनडीए से नाता तोड़ने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नई कैबिनेट का मंगलवार को विस्तार हुआ। बिहार के राज्यपाल ने आरजेडी के 16, जेडीयू के 11, कांग्रेस के दो, हम के एक और एक निर्दलीय विधायक को मंत्री पद की शपथ दिलाई। शपथ लेने वालों में राजद नेता लालू के पुत्र तेज प्रताप यादव भी शामिल थे। वहीं कल ही सभी मंत्रियों को विभागों का भी बंटवारा कर दिया गया।