संसद के दोनों सदनों के सदस्य आज देश के अगले उपराष्ट्रपति का चुनाव करेंगे। इस पद के लिए राजग उम्मीदवार जगदीप धनखड़ और विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा के बीच मुकाबला है। दोनों सदनों में राजग की बेहद मजबूत स्थिति मे है। धनखड़ का जीतना महज औपचारिकता माना जा रहा है।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह वोट डालने पहुँचे
दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस सांसद डॉ मनमोहन सिंह उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना वोट डालने संसद पहुंचे।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह-अश्विनी वैष्णव ने डाला वोट
दिल्ली: उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और अश्विनी वैष्णव ने भी संसद में वोट डाला।
टीएमसी ने सुवेंदु के पिता को वोट न करने को कहा
उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने का एलान कर चुकी तृणमूल कांग्रेस ने सुवेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी को चिट्ठी लिखी। इसमें शिशिर से कहा गया है कि वे उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान न करें। गौरतलब है कि जहां सुवेंदु भाजपा में शामिल हो चुके हैं, वहीं उनके पिता अभी भी टीएमसी से सांसद हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले संसद परिसर में पहुंचकर मतदान किया।
उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान होने की प्रकिया क्या हैं।
संविधान के अनुच्छेद 66 में उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया का जिक्र है। यह चुनाव अनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति से किया जाता है। इसमें वोटिंग सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम से होती है। आसान शब्दों में इस चुनाव के मतदाता को वरीयता के आधार पर वोट देना होता है। मसलन वह बैलट पेपर पर मौजूद उम्मीदवारों में अपनी पहली पसंद के उम्मीदवार को एक, दूसरी पसंद को दो और इसी तरह से अन्य प्रत्याशियों के आगे अपनी प्राथमिकता नंबर के तौर पर लिखता है। ये पूरी प्रक्रिया गुप्त मतदान पद्धति से होती है। मतदाता को अपनी वरीयता सिर्फ रोमन अंक के रूप में लिखनी होती है। इसे लिखने के लिए भी चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए खास पेन का इस्तेमाल करना होता है।
उपराष्ट्रपति में कौन वोट डालता है?
उपराष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सांसद, राज्यसभा में मनोनीत 12 सांसद और लोकसभा के 543 सांसद वोट डाल सकते हैं। इस तरह के कुल 788 लोग वोट डाल सकते हैं। जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग होने के कारण इस वक्त राज्यसभा में जम्मू कश्मीर के कोटे की चार सीटें रिक्त हैं।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की वजह से भी एक सीट रिक्त है। इस तरह निर्वाचित सदस्यों की वर्तमान संख्या 228 ही है। वहीं, मनोनीत सांसदों की भी तीन सीटें खाली हैं। इस तरह से इलेक्टोरल कॉलेज में कुल सदस्य संख्या फिलहाल 780 ही है।
चुनाव की प्रक्रिया में कब क्या होगा?
आज सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक मतदान जारी रहेगा। इसके बाद वोटों की गिनती की जाएगी। छह अगस्त को ही नतीजे आ जाएंगे। 11 अगस्त को नए उपराष्ट्रपति का शपथ ग्रहण होगा।
अल्वा के पक्ष में कितने वोट?
अभी तक के जो आंकड़े हैं, उसके अनुसार अल्वा को कांग्रेस के 84, डीएमके के 34, एनसीपी के नौ, आरजेडी के छह, समाजवादी पार्टी के छह, टीआरएस के 16, आम आदमी पार्टी के 10, झामुमो के तीन सदस्य वोट दे सकते हैं। इस तरह से अल्वा के पक्ष में 168 वोट आसानी से मिल सकते हैं।
अल्वा के पक्ष में कितने दल?
विपक्ष से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को कांग्रेस, एनसीपी, वामदल, नेशनल कॉन्फ्रेंस, समाजवादी पार्टी, डीएमके, आरजेडी, आम आदमी पार्टी, टीआरएस, झामुमो का समर्थन मिला हुआ है। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने भी अल्वा का समर्थन किया है। शिवसेना सांसद संजय राउत अल्वा की नामांकन प्रक्रिया में भी शामिल हुए थे। हालांकि, शिवसेना के ज्यादातर सदस्य एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के साथ हैं।
धनखड़ बनाम अल्वा
बात दोनों उम्मीदवारों की करें तो 71वर्षीय धनखड़ भाजपा नेता रहे हैं और राजस्थान के जाट समुदाय से आते हैं। उप राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने से पहले तक वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। वहीं, विपक्षी की उम्मीदवार 80 वर्षीय मार्गरेट अल्वा कर्नाटक से आती हैं और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रही हैं। मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है।
संसद के दोनों सदनों में कुल 788 सदस्य
संसद के दोनों सदनों में कुल मिलाकर 788 सदस्य हैं। राज्यसभा में अभी 8 सीटें खाली हैं। हर सदस्य के वोट का मूल्य एक है। यानी 780 वोट में से जिसे भी 391 वोट मिलेंगे वो जीतेगा। लोकसभा में भाजपा के पास 303 सदस्य हैं, जबकि राज्यसभा में उसके सदस्यों की संख्या 91 है। इसका अर्थ है कि भाजपा बिना किसी अन्य दल की मदद के अपने उम्मीदवार को जिताने में सक्षम है। इसमें मनोनीत सदस्य भी वोट डालते हैं।
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जगदीप धनखड़ को राजग के अलावा बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, तेलुगु देशम पार्टी और बसपा ने भी समर्थन देने की घोषणा की है। इससे उनके वोटों की संख्या 65 फीसदी के पार जा सकती है।