मध्य प्रदेश के जबलपुर न्यू लाइफ अस्पताल में आग की घटना में 8 लोगों की मौत हुई है। इस मामले में पुलिस ने अस्पताल के चार मालिक और एक मैनेजर के खिलाफ प्रशासन ने गैर इरातन हत्या और गैर इरातन हत्या के प्रयास में केस दर्ज किया है।अस्पताल के पास ना तो फायर एनओसी थी और ना ही इमरजेंसी गेट था। उसके बाद भी अस्पताल चलाता था।
जबलपुर के एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि अस्पताल के चारों पार्टनर डॉ. निशांत गुप्ता, डॉ. सुरेश पटेल, डॉ. संजय पटेल, डॉ. संतोष सोनी और मैनेजर राम सोनी के खिलाफ विजय नगर थाने में आईपीएसी की धारा 304 और 308 में केस दर्ज किया गया है। मैनेजर को हिरासत में ले लिया गया है।
हादसे में झुलसने वाले लोगों के बयानों पर केस दर्ज किया गया है। बता दें 8 मृतकों के शव के रात में ही पोस्टमार्ट कराने का प्रशासन ने निर्णय लिया। जिसके बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए।
जबलपुर संभागायुक्त बी चंद्रशेखर ने कहा कि हमने आज से ही घटना की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में इंस्पेक्शन के बाद भी फायर सेफ्टी के नार्मस क्यों पूरे नहीं किए गए समेत सभी पहलुओं के तथ्यों को देखा जाएगा। इसमें किसी भी दोषी अधिकारी को नहीं बख्सा जाएगा।
बता दें न्यू लाइफ अस्पताल जबलपुर में सोमवार को आग की घटना में 8 लोगों की मौत हो गई। अस्पताल के पास ना तो फायर एनओसी थी और ना ही इमरजेंसी गेट था। फायर की प्रोविजनल एनओसी दी गई थी, जिसकी समयसीमा भी मार्च 2022 में समाप्त हो गई। इसके बावजूद अस्पताल संचालित हो रहा था। ऐसे में जबलपुर नगर निगम और सीएमएचओ की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे है। सरकार ने हाईलेवल जांच के निर्देश दिए है। जो संभागायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी कर रही है।