परिवहन निगम की अधिकतर बसें कबाड़ हो चुकी हैं। इसका उदाहरण गुरुवार को देखने को मिला, जब गोरखपुर से गोला जा रही बस की छत से बारिश के दौरान पानी टपकने लगा। बारिश से बचने के लिए लोगों ने छाता लगाकर सफर किया। कुछ यात्रियों ने हंगामा भी किया।
गोरखपुर परिक्षेत्र के राप्तीनगर डिपो की बस यूपी 53 एटी 4101 गोला से गोरखपुर के बीच चलती है। सुबह करीब सात बजे बारिश के बीच बस आगे बढ़ी, लेकिन जैसे ही बारिश तेज हुई तो पहले तो टूटी खिड़कियों से पानी बस के भीतर आने लगा। फिर बस की छत से भी पानी टपकने लगा। जिनके पास छाता नहीं था, वह पूरी तरह से भीग गए।
इस बीच यात्रियों ने हंगामा भी किया और पानी टपकने का वीडियो बनाकर रोडवेज के जिम्मेदारों को भेजने के साथ ही सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद परिवहन निगम गोरखपुर परिक्षेत्र के जिम्मेदारों में हड़कंप मच गया। वहीं जिम्मेदार सफाई देते नजर आए।
अधिकतर बसें जर्जर स्थिति में
बस में यात्रियों ने हंगामा करते हुए चालक और परिचालक से शिकायत की तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। परिचालक का कहना था कि, बस के जर्जर होने की शिकायत कई बार की गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
कर्मचारी नेता दिनेश मणि मिश्र ने बताया कि परिक्षेत्र की अधिकतर बसें जर्जर स्थिति में हैं। इनकी मरम्मत नहीं हो रही है। कई बसें तो टायर-ट्यूब के अभाव में खड़ी हैं। लोकल रूटों पर चलने वाली बसों की हालत ज्यादा खराब है।
21 अक्तूबर तक है फिटनेस की वैद्यता
परिवहन विभाग के जिम्मेदार समयानुसार बसों के फिटनेस की जांच करते हैं। लेकिन, वह क्या जांच करते हैं उसकी जानकारी उन्हें ही होती है। बृहस्पतिवार को जिस बस की छत से पानी टपकने का वीडियो वायरल हुआ वह कागजों में पूरी तरह से फिट है। उसके फिटनेस की वैद्यता 21 अक्तूबर तक है। बसों के फिटनेस में इस तरह की लापरवाही जिम्मेदारों पर सवाल खड़े करती है।
गोरखपुर परिक्षेत्र क्षेत्रीय प्रबंधक पीके तिवारी ने कहा कि बस की छत से बारिश का पानी टपकने का वीडियो संज्ञान में है। ऐसी बसों के संचालन पर रोक है। अगर ऐसी बसें चल रही हैं तो उसका संचालन तत्काल बंद कराया जाएगा। बारिश से पहले अधिकांश बसों की मरम्मत कराई गई थी।