बूंदी जिले के एक जज ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह 11 दिनों में गवाह को ‘स्वर्ग से पाताल’ तक खोजे, ताकि अदालत में पांच साल से अधिक वक्त से लंबित मामलों की सुनवाई पूरी हो सके।
तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख… हिंदी फिल्मों में कोर्ट की कार्रवाई से जुड़ा यह डायलॉग आपने जरूर सुना होगा, लेकिन गवाह के हाजिर ना होने की वजह से हताश राजस्थान के बूंदी जिले के एक जज ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह 11 दिनों में गवाह को ‘स्वर्ग से पाताल’ तक खोजे, ताकि अदालत में पांच साल से अधिक वक्त से लंबित मामलों की सुनवाई पूरी हो सके। जज का यह आदेश सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
केशोरईपाटन के सिविल और न्यायिक दंडाधिकारी विकास नेहरा ने बीते 20 जून को यह आदेश दिया है। कापरेन पुलिस को दिए गए निर्देश में उन्होंने कहा है कि एएसआई भगवान सिंह को ‘स्वर्ग से पाताल लोक तक’ तलाश करके पांच जुलाई को अगली तारीख पर पेश करना सुनिश्चित किया जाए।
कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे ASI भगवान सिंह
दरअसल, यह आदेश केशोरायपाटन के सिविल कोर्ट में लंबित 6 मामलों से जुड़ा है। इन मामलों की जांच करने वाले एएसआई भगवान सिंह को अभियोजन पक्ष की ओर से अंतिम गवाह के रूप में अदालत में पेश होना था। लेकिन बार-बार तलब करने के बाद भी वह पेश नहीं हुए। इस वजह से अदालत इन मामलों का निपटारा नहीं कर पाई। ये सभी मामले पांच साल से अधिक पुराने हैं।
राजस्थान में इतने केस पेंडिंग
आपको बता दें कि राजस्थान हाई कोर्ट ने हाल ही में निचली अदालतों को लंबित मामलों को कम करने के लिए पांच से दस साल के मामलों को जल्द से जल्द निपटाने का निर्देश दिया था। लेकिन इन मामलों में अदालत अभियोजन पक्ष के प्रमुख गवाह को सुने बिना किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाती है।
आंकड़ों के मुताबिक 31 दिसंबर 2020 तक राजस्थान की अधीनस्थ अदालतों में लंबित करीब 4.25 लाख मामले पांच साल से ज्यादा पुराने हैं। इनमें से 82,221 मामले दस साल से लंबित हैं। शेष 3,43,209 मामले पांच साल से लंबित हैं। इनमें से 1,18,508 मामले दीवानी से संबंधित हैं और 3,06,922 मामले आपराधिक हैं।