यूपी के प्रयागराज में बीते 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा और उपद्रव के मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप का मकान ढहाने का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है।
जावेद पंप की पत्नी परवीन फातिमा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मुआवज़े की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उसका मकान अवैध तरीके से तोड़ा गया है.
फातिमा ने अपनी याचिका में मकान पर गैरकानूनी ढंग से बुलडोजर चलवाने वाले अधिकारियों के कार्रवाई तथा नया मकान बनवाने के लिए मुआवज़ा दिए जाने और दोबारा मकान बनने तक रहने के लिए सरकारी आवास मुहैया कराने की मांग की है।
परवीर फातिमा ने हाईकोर्ट से इसे अर्जेंट मैटर मानते हुए गर्मी की छुट्टियों में अर्जेंसी के आधार पर सुनवाई करने की भी अपील की है.
फातिमा ने अपनी याचिका में कहा है कि जिस मकान को बुल्डोजर से ध्वस्त किया गया, वह उसके शौहर नहीं बल्कि उसके नाम पर था, जो कि उसके पिता से गिफ्ट के तौर पर मिला था।
उन्होंने बताया कि नगर निगम व राजस्व दस्तावेजों में इस मकान के कागजागत में याची (फातिमा) का ही नाम दर्ज है.
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) की ओर से उसके पति के नाम पर नोटिस दिया गया और याची को अपील दाखिल करने या अपना पक्ष रखने का कोई मौका दिए बगैर 12 घंटे बाद ही मकान ध्वस्त कर दिया गया।
याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के पास अब रहने के लिए कोई घर नहीं है और वह अपने परिवार के साथ रिश्तेदारों के यहां रहने को मजबूर है।
ऐसे में सरकार उसे नया मकान बनाने के लिए मुआवज़ा दे तथा नए मकान के बनने तक उसे रहने के लिए सरकार की ओर से आवास मुहैया कराई जाए.
बता दें कि प्रयागराज में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हुई पत्थरबाज़ी और तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने जावेद मोहम्मद को मुख्य अभियुक्त करार देते हुए गिरफ्तार कर लिया था।
इसके बाद प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने नोटिस देकर 12 जून को बुलडोजर चलाकर उसका मकान ध्वस्त कर दिया था.