आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर सपा के दिग्गज नेता आजम खान शनिवार को चुनावी रैली करने पहुंचे थे. बता दें कि आजम खान बीते 20 मई को यूपी की सीतापुर जेल से जमानत पर करीब दो साल बाद बाहर आए हैं.
ऐसे में अब वो पार्टी के प्रत्याशियों के लिए वोट मांग रहे हैं. उन्होंने आजमगढ़ में सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव के लिए एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उप सरकार पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि अभी वह जमानत पर छूटे हैं, लेकिन बरी नहीं हुए हैं। आजम खान ने कहा कि मेरे ऊपर सैकड़ों मुकदमें दर्ज किये गये हैं।
जिसमें मुर्गी चोरी का नहीं, मुर्गी डकैती का मुकदमा है। मुझपर जो धाराएं लगी हैं वो चोरी की नहीं डकैती की हैं। उन्होंने कहा कि हमारे मुखालिफ ने हमें बहुत हल्के में लिया।
आजम ने अपने संबोधन में कहा कि अगर मुझपर मुकदमा ही लिखवाना था तो कम से कम ताजमहल या कुतुब मीनार चोरी का लिखवा देते। लेकिन उन्हों
बता दें कि आजमगढ़ के अलावा आजम खान इन दिनों रामपुर लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में भी सपा प्रत्याशी आसिम राजा के लिए वोट मांग रहे हैं। चुनावी रैलियों में आजम खान अपने जेल में बिताए 27 महीनों का दर्द बयां करते हैं।
गौरतलब है कि 23 जून को रामपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी योगी आदित्यनाथ सरकार की नीतियों और विकास कार्यों पर निर्भर है.
लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के इस गढ़ में भाजपा के लिए राह आसान नहीं मानी जा रही। दरअसल इस सीट पर आजम खान की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है.
एक तरफ सपा ने आजम खान के करीबी आसिम राजा को टिकट दिया है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने कभी आजम खान के करीबी रहे घनश्याम लोधी को अपना प्रत्याशी बनाया है।
गौरतलब है कि रामपुर में मुसलमानों लगभग 8.5 लाख, हिंदू 8.3 लाख(1.5 लाख दलित, ओबीसी समूह जैसे लोदी 1.25 लाख, कुर्मी 75,000, सैनी 80,000, पाल समुदाय के 38,000 और यादव 45,000 और उच्च जातियां शामिल) हैं.
वहीं बीते लोकसभा चुनाव(2019) में आजम खान को 52.71 प्रतिशत तो उनकी प्रतिद्वंदी और भाजपा की जया प्रदा को 42.34 प्रतिशत वोट मिले थे।