राजधानी काबुल स्थित कार्त-ए-परवान गुरुद्वारे पर हमले में अब तक 2 लोगों की मौत हो चुकी है और 5 से अधिक लोग घायल हैं। हमले में 60 साल के सविंदर सिंह और एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई है और तालिबान के तीन लड़ाके घायल हुए हैं।
इस हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासन का हाथ होने का शक है। तालिबान के आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकोर ने इस हमले की पुष्टि की है।
विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने कहा है कि गुरुद्वारा कार्त-ए-परवान पर हुए कायरतापूर्ण हमले की सभी को कड़े शब्दों में निंदा करनी चाहिए। हमले की खबर मिलने के बाद से हम घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। हमारी पहली और सबसे महत्वपूर्ण चिंता समुदाय के कल्याण के लिए है।
कब हुआ गुरूद्वारे पर हमला
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरूद्वारे में सुबह की प्रार्थना के लिए करीब 30 सिख और हिंदू समुदाय के लोग मौजूद थे। भारतीय समयानुसार हमला करीब 8:30 बजे हुआ। हमलावर के गुरूद्वारे परिसर में दाखिल होते ही करीब 15 लोग भागने में सफल रहे।
बाकी के लोग अंदर फंस गए थे और ऐसे में वह घायल हो सकते हैं या फिर उनकी मौत भी हुई हो सकती है। 5 घायल लोगों को नजदीकी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। 7-8 लोग अभी भी गुरूद्वारे में फंसे हो सकते हैं।