अब केजीएमयू अपने डॉक्टर और रेजिडेंट को इलाज के लिए आने वाले मरीजों और तीमारदारों से अच्छे से बात-व्यवहार की शिक्षा देगा।
इसके लिए हर शनिवार को डॉक्टरों की कक्षाएं संचालित की जाएंगी, जिसके लिए बकायदा पाठ्यक्रम भी तैयार किया गया है। मनोचिकित्सक डॉक्टरों को गुस्से पर नियंत्रण, संवाद के बेहतर तरीके बताएंगे, जिससे डॉक्टर बात-बात पर मरीजों और तीमारदारों से गलत व्यवहार न करें।
अप्रैल में ट्रॉमा सेंटर के न्यूरोलॉजी विभाग में एक तीमारदार से बदसलूकी का मामला संज्ञान में आने पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने नाराजगी जतायी थी।
केजीएमयू के कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने बताया कि मनोचिकित्सकों की ओर से विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। डॉक्टरों को इसे पढ़ाया जाएगा, जिससे वे मरीजों और तीमारदारों से अच्छा संवाद करें और गुस्सा भी न हों। यह कक्षाएं हर शनिवार को संचालित होंगी।