टुकटुकी ने कोलकाता में ही एक दुकान खोली है जिसका नाम है ‘एमए अंग्रेजी चायवाली’ कोलकाता से उन्होंने अपने माँ- बाप के कहने पर अपनी पढ़ाई पूरी की और उन्होंने इंग्लिश में एमए किया जिसके उपरांत ही टुकटुकी ने नौकरी करना चाहा जो न मिल सकी। जरुरी ही नहीं है आप पढ़ लिखकर नौकरी करके ही अपना नाम कमाए बल्कि आप कुछ ऐसा काम करके भी लोगो की नज़र में आ सकते हैं जिससे सभी आपको आपके काम से पहचाने।
जब एक चाय वाला देश का प्रधानमंत्री बन सकता है तो एक पढ़ लिखा एमए पास भी उचाईयों को छू सकता है । ऐसा ही कुछ कोलकाता की रहने वाली “टुकटुकी” ने भी किया है। टुकटुकी ने कोलकाता में ही एक दुकान खोली है जिसका नाम है ‘एमए अंग्रेजी चायवाली’।
कोलकाता से उन्होंने अपने माँ- बाप के कहने पर अपनी पढ़ाई पूरी की और उन्होंने इंग्लिश में एमए किया जिसके उपरांत ही टुकटुकी ने नौकरी करना चाहा जो न मिल सकी। टुकटुकी के माता- पिता की बात करें तो पिता पेशे से एक बैन ड्राइवर है और माता की एक किरणे की दुकान है। टुकटुकी के माता-पिता की दिलो इच्छा थी की उनकी बेटी एक शिक्षिका बने इसलिए उन्होंने उसे पढ़ाया और टुकटुकी ने परीक्षाएं भी दी जिसमे अच्छे अंको वह पास हुई।
नौकरी न मिलने की वजह से टुकटुकी ने ‘एमए अंग्रेजी चायवाली’ नाम की दुकान उत्तर 24 परगना के हाबरा स्टेशन में चाय की दुकान खोली। स्टेशन पर टुकटुकी की दुकान का बैनर ( Banner) दिखाई देता है जिस पर लिखा होता है ‘एमए अंग्रेजी चायवाली’।
टुकटुकी बताती हैं कि उनको चाय की दुकान को खोलने का आईडिया ‘एमबीए चायवाला’ की कहानी से मिला जिसे उन्होंने इंटरनेट के जरिये पढ़ी थी । पहले तो उनके माँ -बाप उनके इस काम से नाखुश थे क्यूंकि वो टुकटुकी को एक शिक्षिका बनते हुए देखना चाहते थे, लेकिन बाद में चाय की दुकान से उनकी तरक्की को देखकर उनके माता-पिता बेहद खुश हैं।
आपको बता दे कि एक रिपोर्ट के मुताबिक टुकटुकी का कहना है कि मुझे लगा कि कोई भी काम छोटा नहीं होता और इसलिए मैंने ‘एमबीए चायवाला’ की तरह अपनी चाय की दुकान पर काम करना शुरू कर दिया। शुरुआत में जगह मिलना मुश्किल था लेकिन बाद में मैं इसे ढूंढने में कामयाब रही। अब मैं चाय-नाश्ता बेच रही हूं, चूंकि मेरे पास एमए की डिग्री है, इसलिए मैंने दुकान का नाम इस तरह रखा।