छात्र संगठन ने भाजपा नेता और उनके परिवार पर सरकारी योजनाओं से करोड़ों रुपये की हेराफेरी करने का आरोप लगाया है। जिसके बाद अरुणाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पेमा खांडू के इस्तीफे की मांग को लेकर ऑल न्यासी यूथ एसोसिएशन (एएनवाईए) द्वारा 36 घंटे के बंद के आह्वान के बाद से 13 जनवरी से राजधानी ईटानगर में जनजीवन ठप पड़ गया।
ईटानगर कैपिटल कॉम्प्लेक्स जिला मजिस्ट्रेट तालो पोटोम ने बंद के आह्वान के जवाब में 12 जनवरी से 14 जनवरी शाम पांच बजे तक 48 घंटों के लिए शहर में इंटरनेट कनेक्टिविटी बंद कर दी थी। अरुणाचल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 13 जनवरी तक स्थानीय प्रशासन द्वारा 36 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। इनमें से 29 को 12 दिनों के लिए जेल भेजा गया। दो लोगों को रिहा किया गया है।
एएनवाईए ने 10 दिसंबर को भाजपा सरकार को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें सरकारी योजनाओं में धन की हेराफेरी के आरोपों पर मुख्यमंत्री और उनके परिवार से पंद्रह दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
संगठन ने स्थानीय पत्रकारों को बाया कि खांडू के इस्तीफे की मांग को लेकर लोकतांत्रिक ढंग से आंदोलन शुरू किया जाएगा। इससे पहले राज्य की क्षेत्रीय राजनीतिक इकाई पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) ने ईटानगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें मुख्यमंत्री और उनके संबंधियों पर इसी तरह के आरोप लगाए गए थे।
16 अक्टूबर को पीपीए के महासचिव कलिंग जेरंग ने संवाददाताओं को बताया था कि पंचायती राज, काम्पा और कोविड-19 फंड के दुरुपयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के संबंध में राज्य सरकार को भेजे जा रहे कानूनी नोटिस की संख्या बढ़ रही है, जिनकी व्यवस्थित ढंग से न्यायिक जांच की जरूरत है।
10 जनवरी को एएनवाईए के अध्यक्ष ब्याबांग जोरम ने बताया कि उनके पास इस्तीफे की मांग को लेकर बंद के आह्वान के अलावा कोई विकल्प नहीं था। जोरम ने उस समय यह भी कहा था कि अगर राज्य सरकार इस मामले पर स्पष्टीकरण देती है तो छात्र संगठन बंद की योजना रद्द कर देगा।
100 लोग हिरासत में लिए गए, 25 के खिलाफ मामला दर्ज
एएनवाईए द्वारा आहूत 36 घंटे के बंद के बाद शुक्रवार को राज्य में लगभग 100 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया। राज्य के प्रमुख आदिवासी युवा छात्र समूह ने भ्रष्टाचार के आरोप में मुख्यमंत्री पेमा खांडू के इस्तीफे की मांग कर रहा है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कथित तौर पर इस बंद के आह्वान में शामिल लगभग 25 सदस्यों के खिलाफ प्रशासन ने अरुणाचल प्रदेश गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम 2014 के तहत मामला दर्ज किया है. उन्हें 12 दिनों की न्यायिक हिरासत में भी भेज दिया गया है।
न्यासी आदिवासी समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले एएनवाईए अरुणाचल प्रदेश का सबसे बड़ा आदिवासी समूहों में से एक है, जिसका आरोप है कि मुख्यमंत्री खांडू 2,000 करोड़ रुपये के सरकारी घोटाले में शामिल हैं।
हालांकि, यह बंद सफल रहा, जिस वजह से ईटानगर और आसपास के इलाकों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ.
ईटानगर के महानिरिक्षक (कानून एवं व्यवस्था) चुखु आपा ने कहा, ‘पहली बार हमने देखा कि बंद का आह्वान करने वालों ने कानून एवं व्यवस्था की समस्याएं पैदा करने के लिए राज्य के बाहर से असामाजिक तत्वों को बुलाया है और उन्हें इसके लिए भुगतान किया है.’
उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस साजिश का पता लगाया और राज्य में शांतिभंग को रोकने में सफल हुई और साथ में बंद का आह्वान करने वालों को उनके आकाओं द्वारा दिए गए दस लाख में से तीन लाख रुपये की धनराशि भी जब्त की।