बेंगलुरु शहर के एक पुलिस थाने के उप-निरीक्षक पर आरोप लगा है कि उसने 23 साल के तौसीफ पाशा के साथ कथित तौर पर मारपीट कर उसे पेशाब पीने के लिए मजबूर किया। इस आरोप में निलंबित सब-इंस्पेक्टर हरीश के एन ब्यातारयानापुरा थाने से जुड़े थे। बता दें कि पीड़ित परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस को पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) संजीव एम पाटिल ने बताया कि सोमवार को इस मामले में एक अंतरिम रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसके आधार पर हरीश के एन को ड्यूटी में लापरवाही, पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट नहीं करने और मामले को दर्ज नहीं करने को लेकर निलंबित कर दिया गया।
दरअसल तौसीफ पाशा (23) को बीते गुरुवार दोपहर करीब एक बजे पड़ोसी के साथ हुए विवाद के चलते थाने ले जाया गया था। तौसीफ के पिता असलम पाशा ने जानकारी दी कि उनके बेटे के साथ थाने में मारपीट की गई। तौसीफ को रिहा करने के बदले में पुलिस ने पैसे की मांग की। असलम ने कहा कि तौसीफ के बाहर आने तक हमें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उसे क्रूर यातना दी गई थी।
तौसीफ ने आप बीती बताते हुए कहा कि सब-इंस्पेक्टर हरीश और दो अन्य पुलिस कांस्टेबल, जिनमें एक क्राइम टीम भी शामिल है, उन्होंने क्रूरता के साथ पेट में मारा। जबरन दाढ़ी काट दी। इतनी ही नहीं पेशाब पीने के लिए भी मजबूर किया। तौसीफ ने कहा कि मुझे कम से कम 30 बार क्रिकेट के बल्ले से मारा गया। मैंने पानी मांगा तो मुझे पेशाब पिलाया गया।
तौसीफ ने कहा कि उन्होंने मेरी दाढ़ी भी काट दी। ऐसा ना करने की मैंने भीख भी मांगी लेकिन उन्होंने कहा कि यह (पुलिस स्टेशन) कोई धार्मिक केंद्र नहीं है। उन्होंने मुझसे थाने की सफाई भी कराई।’
तौसीफ के पिता असलम ने कहा कि विधायक BZ ज़मीर अहमद खान के हस्तक्षेप के बाद तौसीफ़ को रिहा कर दिया गया। पीड़ित परिवार ने कहा कि तौसीफ को विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सोमवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई।