ज़मानत मिलने के बाद भी कैदियों की रिहाई में देरी के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट आदेश आदेश जारी करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में स्पष्ट कहा है कि वह इस मामले में विस्तृत आदेश जारी करेगा. एमाइकस क्यूरी दुष्यंत दवे ने कहा कि 4 राज्यों के अरुणाचल, नागालैंड, मिज़ोरम और असम में आंशिक रूप से समस्याएं हैं. उनके पास इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या है.
उन्होंने ये भी कहा कि कई राज्यों ने हलफनामा नहीं दाखिल किया. अब तक सिर्फ 18 राज्य ही ऐसे हैं जिन्होंने हलफनामा दाखिल कर दिया है. उन्होंने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट उपलब्ध रिपोर्ट के आधार पर आर्टिकल 142 के तहत अपनी शक्ति का उपयोग करके आदेश पारित कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कई राज्य सरकारों ने नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए, जिसके बादट्रायल बेस पर कैदियों की रिहाई हुी. उन्होंने कहा कि यह बेहद सफल रहा. पिछली सुनवाई में CJI ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट जमानत के आदेश सीधे जेलों में भेजने की प्रणाली विकसित करने की सोच रहा है, ताकि कारागार से कैदियों की रिहाई में देरी न हो.