बीजेपी नीत केंद्र की NDA सरकार इस समय किसानों के आंदोलन का सामना कर रही है। कृषि कानूनों का जमकर विरोध कर रहे किसानों ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर देश की राजधानी दिल्ली को ब्लॉक करने और हाईवे को जाम करने की धमकी दी है।
इस बीच, बीजेपी के सोशल मीडिया प्रमुख ने आंदोलन के खालिस्तान और माओवादी लिंक का आरोप लगाया है।
बीजेपी के IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर पहले केंद्रीय कृषि कानूनों को नोटिफाई करने और फिर दिल्ली को आंदोलन की आग में जलाने का आरोप लगाया है क्योंकि ‘खालिस्तानी और माओवादी’ इन कानूनों के विरोध के लिए सड़कों पर उतर आए।
अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने 23 नवंबर 2020 को ही नए कृषि कानूनों को अधिसूचित (notified) कर दिया है और इन्हें लागू कर रही है लेकिन अब, जब खालिस्तानी और माओवादी इसके विरोध में आगे आ गए तो वह इसे दिल्ली को ‘जलाने’ के अवसर के तौर पर देख रही है।
यह कभी किसानों के बारे में नहीं है, केवल राजनीति… ‘ गौरतलब है कि मालवीय को बंगाल में बीजेपी का प्रभारी बनाया गया है। गौरतलब है कि हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर सहित कई बीजेपी नेताओं ने किसान आंदोलन के ‘खालिस्तान लिंक’ की बात कही है।
हरियाणा के सीएम खट्टर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा था, ‘हमारे पास इनपुट है कि भीड़ में ऐसे कुछ अवांछित तत्व हैं। हमारे पास रिपोर्ट हैं जब यह पुख्ता हो जाएंगी तो इनका खुलासा किया जाएगा। उन्होंने ऐसे नारे लगाए हैं।
इन वीडियो में उन्होंने कहा है, ‘जब इंदिरा गांधी को ये कर सकते हैं तो मोदी को क्यूं नहीं कर सकते.” खट्टर ने सामने आए असत्यापित वीडियो (unverified videos) का हवाला देते हुए यह बात कही थी।
उधर, तीन कृषि कानूनों के विरोध में झंडा बुलंद किए किसानों ने दोटूक अंदाज में कहा है कि जब तक केंद्र सरकार इन कानूनों को रद्द नहीं करती, वे हाईवे से नहीं हटेंगे। उन्होंने इस कृषि कानून को किसान विरोध करार दिया है। किसानों ने रविवार को जता दिया था कि वो इस बार बिना किसी शर्त के बातचीत से कम कुछ भी मानने को तैयार नहीं हैं।
उनकी योजना बॉर्डर पर टिके रहने और दिल्ली पहुंचने की है। उन्होंने रविवार को गृहमंत्री अमित शाह की सशर्त बात करने की पेशकश भी ठुकरा दी।
किसानों ने एक बैठक कर यह तय किया कि वो गृहमंत्री की शर्त नहीं मानेंगे और रामलीला ग्राउंड ही जाने की कोशिश करेंगे।
दरअसल, अमित शाह ने शनिवार को किसानों के सामने बातचीत का प्रस्ताव रखते हुए शर्त रखी थी कि उन्हें बॉर्डर से हटकर बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड पर जाना होगा।