केरल में गोल्ड स्मगलिंग केस अब सांप्रयादिक रंग लेता नजर आ रहा है। सीपीएम के प्रदेश सचिव कोडियेरी बालाकृष्णन ने शुक्रवार को तस्करी के मामले में आरोपी केरल के मंत्री केटी जलील के समर्थन में जो दलील दी है, उसने प्रदेश के राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कुरान के वितरण की वजह से मंत्री को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने इसे लेकर कांग्रेस और मुस्लिम लीग को भी निशाने पर लिया।
मुस्लिम लीग पर हमला बोलते हुए बालाकृष्णन ने कहा कि कुरान वितरण की वजह से ही मंत्री के लिए ऐसी परिस्थिति बनी है और उन्हें एनआईए और ईडी के तहत जांच से गुजरना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि आरएसएस एक ऐसा संगठन है, जो भारत से मुस्लिमों, अल्पसंख्यकों और कम्युनिस्टों को बाहर कर देना चाहता है। मोदी सरकार भी हिंदुत्व लाइन पर काम कर रही है। ऐसे में कांग्रेस और मुस्लिम लीग को आरएसएस की तरह कुरान से एलर्जी क्यों है?
मुस्लिम लीग और कांग्रेस ने लताड़ा
जलील के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बीच कुरान को लाने पर कांग्रेस और मुस्लिम लीग की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। लीग के अखिल भारतीय महासचिव पीके कुणालकुट्टी ने बालाकृष्णन पर पलटवार करते हुए कहा कि केरल के लोग मूर्ख नहीं है, जो कुरान के नाम पर गोल्ड स्मगलिंग जैसे गंभीर मुद्दों पर गुमराह हो जाएंगे।
कुणालकुट्टी को जवाब देते हुए बालाकृष्णन ने कहा कि उन्होंने यह साबित किया है कि उनका दुश्मन सीपीएम है, बीजेपी नहीं। उन्होंने कहा कि कुणालकुट्टी के इस स्टैंड और मराड केस में सीबीआई जांच की तेजी में कुछ संबंध हो सकता है। लीग को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।
बीजेपी ने भी किया पलटवार
इधर केपीसीसी के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने भी बालाकृष्णन पर सीपीएम और एलडीएफ नेता जलील को बचाने के लिए मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया। रामचंद्रन ने कहा कि यह एक खतरनाक कदम है।
मुख्यमंत्री, असेंबली स्पीकर और शिक्षा मंत्री इस मामले में संदिग्ध हैं। लोगों का इस सरकार पर से भरोसा पूरी तरह से उठ गया है। इसके अलावा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि सीपीएम के लोग कुरान के नाम पर प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाना चाहते हैं। वे सोचते हैं कि ऐसा करने से उन पर लगे आरोप कवर हो जाएंगे।