देश कोरोना वायरस का कहर है ऐसे में 31 मार्च तक तमाम अदालतों के बंद होने की वजह कई कैदियों को सुनवाई ठप है । दूसरी ओर, सरकार ने घरवालों से साप्ताहिक मुलाकातें भी रोक दी हैं।
इस नाराज़गी की वजह से दमदम सेंट्रल जेल में बंद क़ैदियों ने शनिवार और रविवार को लगातार हिंसा और आगजनी की, वहीं प्रेसीडेंसी जेल में बंद क़ैदियों ने भी शनिवार रात को रसोईघर में तोड़फोड़ की और प्रदर्शन किया। सरकार ने इस मामले की जांच खुफिया विभाग को सौंप दी है।
जेल मंत्री उज्ज्वल विश्वास ने कहा, “कुछ लोगों की मौत हुई है। मुझे सही तादाद पता नहीं है। हम पुलिस की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.” बैरकपुर के पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने इस बारे में पूछने पर कहा, “मैं फ़िलहाल इस बारे में टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हूं.”
प्राप्त जानकरी के मुताबिक विवार को क़ैदियों ने महिलाओं के वॉर्ड पर भी हमला किया और हंगामा कटा रसोई गैस में आग लगा दी गई है। इससे पहले विचाराधीन कैदियों ने शनिवार को जमकर हंगामा और तोड़फोड़ की थी।
एक समाचार लिखता है कि उन लोगों ने जेल कर्मचारियों के साथ मारपीट की और उन पर पथराव किया। खुद को रिहा किए जाने की मांग कर रहे इन क़ैदियों ने जेल परिसर के भीतर आग भी लगा दी।
बताया जा रहा है इस हिंसा में एक कौड़ी की मौत हो गई है जबकि 20 से अधिक कैदी और अन्य जेल वर्कर घायल है। हिंसा में घायल लोगों को सरकारी आर.जी.कर मेडिकल कालेज अस्पताल में दाखिल कराया गया था। वहां बाद में तीन अन्य क़ैदियों ने भी दम तोड़ दिया।
शनिवार को जेल और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने आधी रात के बाद क़ैदियों को किसी तरह समझा-बुझा कर उनको उनकी कोठरी में पहुंचाया था। लेकिन उसके बाद रविवार को क़ैदियों ने जमानत पर तत्काल रिहा किए जाने की मांग में फिर हिंसा शुरू कर दी।
कुछ लोग पैरोल पर रिहा किए जाने की मांग कर रहे थे। एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, “सरकार कोरोना के खतरे के चलते आजीवन कारावास की सजा काट रहे कुछ क़ैदियों को 15 दिनो के विशेष पैरोल पर रिहा करने पर विचार कर रही है। इससे बाकी कैदियों में भारी नाराजगी है.”